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खुदकशी

कोना एक रुबाई का
कोना एक रुबाई का
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बड़ा बेरंग सा हैं आज का दिन
कि कल इनकार किया था तुमने
बारिशों में ज़रा भी भीगने से
तो धनक के एक ऊँचे छज्जे से
कूद कर सब उदास रंगों ने
तुम्हारी जिद पे खुदकशी कर ली …!

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