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तीन त्रिवेनियाँ

कोना एक रुबाई का
कोना एक रुबाई का
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१-
नए किरदार भी मचलते हैं
फ़साने पूरी रात जलते हैं

तुम्हारे जिक्र से क्या ना हो ?

२-
चाँद जब फलक से वाबस्ता हो
चादनी इक हसीन रस्ता हो

तुम उतर कर ज़मीं पे आ जाना

३-
ये सूरज जो पूरे दिन यहाँ पे जलता है
सुना है शाम के बाद अमरीका में जलेगा

इस चिराग ने भी उम्र भर दहलीज़ बदली है

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