कोना एक रुबाई का
- 82 Posts
- 907 Comments
समझाती हो जब तुम , दादी लगती हो
लोक कथाओं सी तुम सादी लगती हो
खुशिओं के इस रेसेशन में तुम जानाँ
हीरा मोती सोना चांदी लगती हो
परियों के पर फूल बने खिलते हों जहां
तुम वो जादू वाली वादी लगती हो
मैंने तुमसे धनक बरसते देखा है
रंग हो तुम पर कितनी सादी लगती हो
आँच.! तुम्हारी आँखें क्यूँ हैं चढ़ी हुई ?
आतिश की ग़ज़लों की आदी लगती हो
Read Comments