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कुछ बे-बहर से चाँद

कोना एक रुबाई का
कोना एक रुबाई का
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rachna ki lebeling “ghazal” hi ki hai …kyunki jab likhi thi tab ghazal hi mana tha ise…hehehe ..jhelo ji jinko jinko chaand nahi mil raha tha meri ghazalon men…:D

इक चाँद छुप गया है सावन की बदलियों से
इक चाँद झूलता है जानां की बालियों से

इक चाँद ज़वानी से बुढ़ापे की तरफ जाता
इक चाँद हंस रहा है बचपन की तालियों से

इक चाँद मिल गया है कुछ खारफरोशों को
इक चाँद गिर गया था कल फूल वालियों से

इक चाँद बहुत खुश है पहलू मे आसमा के
इक चाँद हैं परेशा अपनी ही सालियों से

इक चाँद ले कर आया आतिश बतौर तोहफा
कई चाँद बनाती है ये आँच गालियों से

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