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राज …नाम तो सुना होगा … !
फ़िल्मी में दुनिया में कई नाम चर्चित रहे हैं …जय, विजय ,प्रेम आदि आदि ,लेकिन जितना नाम इस”राज” नाम का हुआ है शायद ही किसी नाम का हुआ हो |
राज कपूर से लेकर शाहरुख़ खान तक और शायद शाहरुख़ खान के बाद भी लोग फिल्मों में राज बनना पसंद करते हैं | इस राज का फ़िल्मी सफ़र भी कम रोचक नहीं है ..
मेरा पहला वास्ता उस राज से पड़ा जो “राज” राज कपूर बना करते थे ..अनाड़ी में, श्री ४२० में |ये राज समाज के उस तबके से आता है जिसे हम आम जनता कहते हैं..यह राज सीधा सादा होता है… लेकिन जब दुनिया में ठोकर खाता है तो थोड़ी चालाकी सीख जाता है और इस चालाकी के बीच वो अपनी मोहब्बत को बड़ी सादगी से जिंदा रखता है ..फिर उसे एहसास होता है अपनी गलतियों का ,राज फिर से सीधा सादा हो जाता है ..और फिर से वही बातें करता वही बातें सुनता है जो पहले कहा करता था
“सीधी सी बात न मिर्च मसाला , कहके रहेगा कहने वाला दिल का हाल सुने दिल वाला “
फिर अचानक राज परदे से गायब हो गया..और शायद रहा भी तो मैंने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया ..फिर एक राज आया ..वो राज जो शाहरुख़ खान बना करते हैं ..जिसके पास प्यार करने के अलावा कोई काम नहीं है ..राज आम आदमी की तरह नहीं है ..क्यूंकि वो अपने बाप के साथ बैठ कर बीयर पीता है..उसके पास पूरा time है ऐय्याशी करने का | और जब इस राज का पेट इन बातों से नहीं भरा तो वो खुद अपनी बीवी को दोबारा पटाने लगा ..और सिर्फ मूंछ बदल लेने से वह पहचान में नहीं आता .. बहरहाल अब राज आगे क्या करेगा राम जाने फिलहाल to bas ..
देख तेरे बॉलीवुड का कुछ बदला है अंदाज़
कितना बदल गया है राज
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